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छत्तीसगढ़ के शिक्षक आंदोलन में बड़ा मोड़: रविंद्र राठौर बने फेडरेशन के नए प्रदेश अध्यक्ष


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रायपुर/जांजगीर।

छत्तीसगढ़ की शिक्षक राजनीति में आज वह घंटी बज चुकी है, जिसका इंतज़ार हजारों सहायक शिक्षकों ने सालों से किया था। सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश नेतृत्व में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए रविंद्र राठौर को सर्वसम्मति से नया प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया है।


33 जिलाध्यक्ष, 146 ब्लॉक अध्यक्ष और सभी संस्थापक सदस्यों द्वारा दिए गए एकमत समर्थन के साथ राठौर ने कमान संभाली—और इसी के साथ प्रदेश शिक्षक आंदोलन में नई रणनीति, नया विज़न और नया तेवर देखने की उम्मीद है।


'संघर्ष और समाधान' मॉडल पर काम करेंगे राठौर


राठौर की जीत को सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन नहीं, बल्कि शिक्षकों के लंबे संघर्ष का टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है।

उनके नेतृत्व में वेतन विसंगति, क्रमोन्नति वेतनमान, पदोन्नति और शिक्षक सम्मान जैसे मुद्दों पर अब आक्रामक, तेज़ और निर्णायक लड़ाई की तैयारी है।


राठौर पहले भी वेतन विसंगति और अधिकार संघर्ष में सबसे आगे रहे हैं, यही वजह है कि वे आज जमीनी शिक्षकों की पहली पसंद बनकर उभरे।


नई टीम — 'टीम राठौर'


पद नाम

प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राठौर

सचिव राजू टंडन

उपाध्यक्ष देवेंद्र हरमुख

कोषाध्यक्ष शेषनाथ पांडे


“अब संघर्ष नहीं, परिणाम होगा” – संगठन


प्रांतीय प्रवक्ता हुलेश चंद्राकर ने कहा— "यह सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि परिवर्तन की घोषणा है। अब फेडरेशन पहले से ज्यादा मुखर, तेज़ और परिणामोन्मुख होकर लड़ेगा।"


पुराने नेतृत्व ने दिया साथ, संगठन और मज़बूत


चुनाव में तीन बड़े चेहरे मैदान में थे, लेकिन आखिरकार सभी ने लोकतांत्रिक निर्णय का सम्मान किया।

पूर्व अध्यक्ष मनीष मिश्रा और संस्थापक सदस्यों ने भी एकजुटता का संदेश देते हुए नए नेतृत्व को मार्गदर्शन और सहयोग देने का भरोसा दिया।


कुरूद ब्लॉक अध्यक्ष लुकेश राम साहू ने कहा—

"यह जीत हक और हौसले की जीत है। जो साथी दुख–दर्द में शिक्षकों के साथ खड़ा रहा, आज वही नेतृत्व कर रहा है।"

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