top of page

​देवरी में जुए पर पुलिस का धावा: ताश की बाज़ी से ₹1.41 लाख ज़ब्त, 7 जुआरी गिरफ्तार



ree

कुरूद

देवरी की गली में स्ट्रीट लाइट की रोशनी तले ताश की बाज़ी जम रही थी। पत्तों की खनक और पैसों की गिनती अचानक थम गई, जब मंगलवार शाम कुरूद पुलिस ने दबिश देकर 07 जुआरियों को रंगे हाथ पकड़ लिया। मौके से नकदी, मोबाइल फोन, मोटरसाइकिल और ताश पत्तों समेत कुल ₹1,41,200 का माल जब्त हुआ।

यह धमतरी पुलिस के जुआ-सट्टा विरोधी अभियान को तीन दिनों में दूसरी बड़ी सफलता है।


पुलिस सूत्रों के अनुसार, उन्हें देर शाम सूचना मिली थी कि देवरी के एक सुनसान इलाके में स्ट्रीट लाइट के नीचे कुछ लोग भारी नक़दी दाँव पर लगाकर ताश खेल रहे हैं। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने मौके पर पहुँचकर घेराबंदी की।

​मौके से क्या-क्या हुआ ज़ब्त?

​पुलिस के अचानक धावा बोलने से जुआरियों में हड़कंप मच गया और वे भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस बल ने मुस्तैदी दिखाते हुए सभी 07 आरोपी मौके पर ही धर दबोचे गए।

थाना कुरूद में अपराध क्रमांक 250/2025 दर्ज, धारा 3(2) जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 के तहत मामला पंजीबद्ध।


गिरफ्तार जुआरी

. लुभान चन्द्राकर, पिता गैदलाल, उम्र 39 वर्ष, निवासी छुही, थाना केरेगांव

. ईश्वर साहू, पिता टेकराम साहू, उम्र 27 वर्ष, निवासी छुही, थाना केरेगांव

. हुसैन लहरे, पिता मनोहर लहरे, उम्र 20 वर्ष, निवासी दोनर, थाना अर्जुनी

. वेकटेंश मराठा, पिता स्व. तात्या मराठा, उम्र 36 वर्ष, निवासी संजय नगर, कुरूद

. अर्जुन चन्द्राकर, पिता छोटेलाल, उम्र 56 वर्ष, निवासी भोथली, थाना कुरूद

. धर्मेन्द्र कुमार चन्द्राकर, पिता अरुण, उम्र 36 वर्ष, निवासी भोथली, थाना कुरूद

. नेमसिंग ध्रुव, पिता दुलारू राम, उम्र 35 वर्ष, निवासी भालुचुआ, थाना मगरलोड


मौके से जब्त संपत्ति


नकद राशि – ₹45,200 एवं 52 पत्ती ताश

07 मोबाइल फोन – कीमत लगभग ₹21,000

05 मोटरसाइकिल (एचएफ डीलक्स, एक्टिवा आदि) – कीमत लगभग ₹75,000

कुल जप्ती – ₹1,41,200/-

धमतरी पुलिस का कहना है कि जिले में जुआ-सट्टा और अवैध गतिविधियों पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई जारी रहेगी। आम नागरिकों से अपील है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

प्यादा या बादशाह? कानून की पकड़ पर उठे सवाल

सिर्फ दो दिन पहले ही धमतरी पुलिस ने बेंदरानवागांव जंगल से 09 जुआरियों को पकड़ा था। यानी यह पुलिस की तीन दिन में दूसरी बड़ी सफलता है।

मगर, विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि कुरूद थाना क्षेत्र में जुए का असली खेल कुछ “बेताज बादशाहों” के इशारे पर चलता है। पुलिस की कार्रवाई में अक्सर फड़ के ‘प्यादे’ ही गिरफ्त में आते हैं, जबकि असली सरगना अब भी कानून की पकड़ से दूर हैं। कहा जाता है कि इनके हाथ इतने लंबे हैं कि हर बार बच निकलते हैं। नतीजा यह कि कार्रवाई बार-बार शतरंज की बिसात के छोटे मोहरों तक सीमित रह जाती है, और मुख्य खिलाड़ी सुरक्षित बने रहते हैं।

ree

Comments


bottom of page