फरार सूद किंगपिन की गिरफ्तारी! 5 महीने की फरारी, शहरों की बदलती लोकेशन… और आखिरकार पुलिस का सटीक ‘ऑपरेशन’ सफल!
- moolchand sinha
- Nov 8
- 2 min read

रायपुर।
राजधानी रायपुर में सूदखोरी के खिलाफ चल रही कड़ी कार्रवाई को बड़ी सफलता मिली है। करीब पांच महीनों से फरार चल रहे कुख्यात सूदखोर और अपराधी वीरेंद्र तोमर को रायपुर की पुरानी बस्ती थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस इनपुट के अनुसार तोमर फरारी के दौरान कभी राजस्थान तो कभी उत्तरप्रदेश के शहरों में ठिकाना बदलता रहा और अंत में ग्वालियर में अपने रिश्तेदार के यहां जाकर छिपा हुआ था। लेकिन पुलिस की सटीक सर्चिंग और तकनीकी निगरानी से वह ज्यादा दिनों तक बच नहीं सका।
सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तारी के वक्त तोमर बेहद सामान्य माहौल में बरमूडा टी-शर्ट पहनकर घर में टहलता मिला। एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने उसे पकड़ने वाली टीम को बधाई दी है। ज्ञात हो कि वीरेंद्र और उसके भाई रोहित तोमर पर रायपुर में मारपीट, हत्या की कोशिश, जबरन वसूली और सूदखोरी सहित कई गंभीर मामले दर्ज हैं। व्यापारी की शिकायत पर तेलीबांधा थाना में एफआईआर दर्ज होने के बाद दोनों भाई 2 जून से फरार चल रहे थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फरारी के दौरान दोनों भाइयों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कानूनी दांव-पेंच अपनाए और हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई थी, लेकिन याचिका खारिज होने के बाद पुलिस ने दबिश तेज कर दी। अंततः लोकेशन ट्रैकिंग और गुप्त इनपुट के आधार पर ग्वालियर में घेराबंदी कर वीरेंद्र को पकड़ा गया। रोहित की तलाश भी जारी है।
एसएसपी ने दोनों आरोपितों पर पहले ही ₹5-5 हजार का इनाम घोषित किया था। लंबे समय तक पुलिस को चकमा देने के बाद आखिरकार वीरेन्द्र तोमर पुलिस के शिकंजे में है और उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस अब उससे शहर में फैले सूदखोरी नेटवर्क और सहयोगियों के बारे में पूछताछ करेगी।
कहां-कहां छिपता रहा?
फरारी के दौरान वीरेंद्र कभी यूपी, कभी राजस्थान के शहरों में ठिकाना बदलता रहा। लेकिन जमानत खारिज होने और बढ़ती पुलिस दबिश से घबराकर अंत में ग्वालियर जा छिपा।
पुलिस का संदेश साफ — अपराध की छत्रछाया नहीं, कानून की पकड़ से कोई नहीं बचेगा।







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